Tuesday, July 7, 2015

पंचांग के अंगों के फल

योग फल 

विष्कुम्भ
रूपवान, भाग्यवान, अनेक तरह के अलंकारों से पूर्ण, बुद्धिमान और पंडित होता है|
प्रीति
स्त्रियों का प्यारा, तत्व को जानने वाला, उत्साही और स्वार्थ के लिए काम करने वाला होता है|
आयुष्मान
मानी, धनवान, शेर ओ शायरी करेने वाला, बहुत वर्षों तक जीने वाला,युद्ध में विजयी होता है|
सौभाग्य
राजा का मंत्री, सब कामो में चतुर और स्त्रियों का परम स्नेही होता है|
शोभन
रूपवान, अनेक पुत्र और स्त्री वाला, सब कामो में तत्पर और युद्धभूमि में जाने के लिए सर्वदा तैयार रहता है|
अतिगंड
माता के लिए अशुभ, माता का हंता और यदि गंडमूल में भी हो तो कुल का नाश करने वाला होता है|
सुकर्म
अच्छे कर्म करने वाला, प्यार से बात करने वाला, अच्छा स्वाभाव और ममता वाला होता है|
धृति
धैर्य रखने वाला (क्षमाशील), कीर्तिमान, धनवान, भाग्यवान,सुख से संपन्न और गुणी होता है|
शूल
पथरी(शूल) के दर्द से युक्त, धर्मात्मा, सभी शास्त्रों में निष्णांत, ज्ञानी और धन उपार्जन में कुशल और यज्ञ करने वाला होता है|
गंड
अनेक कष्ट भोगने वाला, बड़े सर वाला, छोटे शरीर वाला (ज्ञानी परन्तु मेहनत करने में रूचि नही होती है|), बलवान, अधिक भोग भोगने वाला और अपनी प्रतिज्ञा का पालन करने वाला होता है|
वृद्धि
रूपवान, अनेक स्त्री पुत्र से युक्त, धनी,भोगी और बलवान होता है|
ध्रुव
दीर्घायु, सबका प्यारा, स्थिर काम करने वाला, मेहनत से शक्तिसंपन्न और स्थिर दिमाग वाला होता है|
व्याघात
सबके बारे में जानकारी रखने वाला, सभी लोग इन्हें पसंद करें| सब तरह के काम करने वाला और नाम वाला होता है|
हर्षण
भाग्यवान, जिसकी घर में चलती हो उसका प्रिय होता है, जातक ढीठ, हमेशा पैसे वाला, विद्या और शास्त्र में निपुण होता है|
वज्र
कठोर स्वाभाव, भारी हाथ, विद्या और कुश्ती में निपुण, धन धान्य से युक्त, पराक्रमी और काम की बात जानने वाला होता है|
सिद्धि
सर्व सिद्धियो से युक्त, दान देने वाला और भोग करने वाला होता है| सुखी संपन्न होता है, कान्तिमान,रोने वाला रोगी होता है|
व्यतीपात
ऐसे व्यक्ति के जीने की संभावना कम होती है अर्थात एक बार जीवन में मौत का सामना होता है, और यदि जीवित रह जाए तो अति उत्तम जीवन भोगता है|
वरियान
शारीरिक रूप से बली, चित्र और कला में उत्तम, शास्त्रों को पढ़ने वाला, गान और नृत्य में कुशल होता है|
परिघ
कुल की उन्नति करने वाला, शास्त्रों को जानने वाला, सुन्दर काव्य रचने वाला, वक्ता, दानी, भोगी, और प्रिय वाणी बोलने वाला होता है|
शिव
सबका कल्याण चाहने वाला, दूसरों की परेशानियो को हल करने वाला, बुद्धिमान होता है|
सिद्ध
दूसरों का काम पूरा करवाने वाला, मन्त्र जाप करने वाला, सुन्दर स्त्री से युक्त और सब प्रकार के ऐश्वर्य से युक्त होता है|
साध्य
मानसिक रूप से शांत, यश और सुख पाता है|काम में देरी करने वाला और सबकी हाँ में हाँ मिलाने वाला होता है|
शुभ
शुभ कार्य करने वाला होता है, धनवान और ज्ञानी, दानी और विद्वानों का पूजक होता है|
शुक्ल
सभी कलाओं से युक्त, अंदर की बात जानने वाला, कवि, पराक्रमी, धनवान और सब लोगो का प्यारा होता है|
ब्रह्मा
 विद्वानी, वेद और शास्त्रों में प्रवीण, सर्वदा प्रभु में आसक्त और सब कार्यों में कुशल होता है|
इन्द्र
राजा के सामान प्रताप शाली, अल्प आयु वाला, सुखी, भोगी और गुणी होता है|
वैधृति
ऊर्जा की कमी, भूख से पीड़ित होता है| मित्र बहुत होते है पर उसे सच्चे दोस्त नही मिलते है|









करण फल
बव
मानी, धार्मिक, शुभ कार्य करने वाला और पक्का काम करने वाला होता है|
बालव
तीर्थ और देवताओं का भक्त, विद्वान, धनवान, सुखी और जिसका राज हो उसका प्रिय होता है|
कौलव
सभी लोगो से स्नेह रखने वाला, दोस्तों से बना कर रखने वाला और मानी होता है|
तैतिल
भाग्यशाली, सभी के साथ निभा कर चलने वाला होता है| घर में चित्र बने होते है|
*विचित्र अजीब सा घर होता है|
गर
कृषि करने वाला, घर के कामो में कुशल, जिस वस्तु पर दिल आ जाए उसे पाने के लिए बहुत मेहनत करते है|
वणिज
व्यापार से जीविका चलाने वाला होता है, देश विदेश के गमन से इन्हें अत्यधिक लाभ प्राप्त होता है|
विष्टि
अनुचित कार्य करने वाला, दूसरों की स्त्रियों में रूचि रखने वाला और विष और विध्वंसक कार्यों में निपुण होता है|
शकुनि
दूसरे के शरीर को पुष्ट(मजबूत) करने वाला होता है| औषधि बनाने में चतुर और वैधक से आजीविका चलाने वाला होता है|
चतुष्पद
देवता और ब्राह्मणों में भक्ति रखने वाला, गौओ की सेवा करने वाला, गौ का मालिक, पशुओ का चिकित्सक होता है|
नाग
मल्हाओ(नाव चलाने वाले/निम्न जाति) से मित्रता रखता है| मुश्किल काम आसानी से कर लेता है| कुरूप और चंचल नेत्र वाला होता है|
(पत्नी भी कुरूप हो सकती है|)
किन्स्तुघन
शुभ कार्य करने वाला, संतोषी,बली और मंगल और सिद्धि को प्राप्त करता है|

तिथि फल
कृष्ण फल
निष्ठुर, खराब मुख, स्त्री के साथ द्वेष रखने वाला, बुद्धि हीन, अधिक परिवार से युक्त होता है|
शुक्ल पक्ष
कान्तिवाला,लक्ष्मीवान, मेहनती, शास्त्रों का ज्ञाता और ज्ञान से लाभ होता है|
प्रतिपदा
मनुष्य पापियों के साथ संगत करता है, धन की कमी, कुल को संताप देने वाला, ऐब करने वाला होता है|
द्वितीय
पराई स्त्री में आसक्ति, सत्य और पवित्रता से हीन, चोर और ममता से हीन होता है|
तृतीय
चैतन्य से रहित, अत्यंत विकल, द्रव्य से हीन और दूसरों से द्वेष करने वाला होता है|
चतुर्थी
भोगी और दाता, मित्रों के साथ स्नेह करने वाला, पंडित, संतान से युक्त होता है|
पंचमी
सब के साथ बनाने वाला, माता पिता की रक्षा करने वाला, गुणों को ग्रहण करने वाला, अपने शरीर से प्रसन्न रहता है|
षष्ठी
अनेक देशो में गमन करने वाला, सदा झगडा करने वाला, केवल अपना भरण पोषण के बारे में सोचता है|
सप्तमी
मनुष्य थोड़े में संतोष पाने वाला, तेज युक्त, सौभाग्यवान, गुणों से युक्त, पुत्रवान और सम्पतिवान होता है|
अष्टमी
धर्मात्मा, सच बोलने वाला, दानी, भोगी और ममतावान होता है| गुणों को जानने वाला और सब कामो के प्रति सजग रहता है|
नवमी
देवताओं का पूजक, पुत्र और धन में आसक्ति, शास्त्रों के अभ्यास करता है|
दशमी
गलत सही में फर्क करने वाला, देवताओं की सेवा करने वाला, यज्ञ करने वाला, तेजस्वी और सदा सुखी रहता है|
एकादशी
कम में संतोष करने वाला, राजाओ के घर में रहने वाला(राजसिक घर में रहने वाला), पवित्र, धनवान, पुत्रवान/पुत्री* और बुद्धिमान होता है|
द्वादशी
 चपल और चंचल ज्ञान वाला होता है, कमजोर शरीर वाला और देशो में घूमने वाला होता है|
त्रयोदशी
सिद्ध पुरुष, पंडित, शास्त्रों का अभ्यास करने वाला, इन्द्रियों पर नियंत्रण रखता है और परोपकारी होता है|
चतुर्दशी
 धनी, धरमात्मा, वीर,बडो के वाकयो का पालन करने वाला होता है, राजा से मान पाने वाला यशस्वी होता है|
पूर्णिमा
लक्ष्मीवान, बुद्धिमान, महत्व आकांक्षी, उत्साही और दूसरे की स्त्री में आसक्ति रखने वाला होता है|
अमावस्या
आलसी, दूसरों के साथ द्वेष रखने वाला, कुटिल, पराक्रमी, बेवक़ूफ़ को समझाने वाला होता है|
वार फल
रविवार
पित्त अधिक होता है, अधिक चतुर, तेजस्वी, झगडे के शौक़ीन, दानी और अत्यंत उत्साही होता है\
चन्द्रवार
बुद्धिमान, मधुर बोलने वाला, शांत रहने वाला, राजा के नौकरी करने वाला, दुःख और सुख में सामान रहने वाला होता है|
भौमवार
टेढ़ी बुद्धि वाला, दीर्घायु, झगडे में उत्साह रखने वाला, बलवान, अपने परिवार के पालन में प्रधान होता है|
बुधवार
लिखने पढ़ने का शौक़ीन और उस से घर चलाने वाला, मीठी वाणी बोलने वाला, बुद्धिमान, रूप और धन से संपन्न होता है|
बृहस्पतिवार
धनी, विद्वान और गुणों से युक्त, विचारवान,जनसमूहों से पूजित,आचार्य या राजा का मंत्री होता है|
शुक्रवार
चंचल चित वाला(ऐबी), पूजा पाठ में कम विश्वास करने वाला, सदा पैसे के खेल में लगे में रहने वाला, बुद्धिमान, सुन्दर और मन को हरने वाले वचन बोलता है|
शनिवार
स्थिर वचन बोलने वाला( अपनी बात पर अडिग रहने वाला), क्रूर, दुखी, पराक्रमी, नीच दृष्टिवाला, अधिक केशवाला और सदा वृद्ध स्त्रियों में रत होता है|

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